Review Overview
पूर्व सीएम शिवराज सिंह की जनआर्शीवाद यात्रा के प्रभारी रहे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का विधानसभा चुनाव की हार के बाद से अता पता नहीं है। उन्होंने एक लंबे समय से एमपी से दूरी बना रखी है। चुनाव परिणामों के बाद से ही वह अब तक मध्यप्रदेश में देखे तक नहीं गये और ना ही उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बधाई दी है।
यहां बताते चले कि प्रभात झा को अब तक पार्टी ने जहां-जहां का प्रभार सौंपा वहां वहां भाजपा को बेड़ा गर्क हो गया। दिल्ली, पंजाब में प्रभात झा ने प्रभारी के रूप में काम किया तो वहां भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया। दिल्ली से तो पार्टी ने उन्हें तुरंत हटा दिया था। इससे पहले एमपी के उपचुनावों मुंगावली में प्रभारी के रूप में प्रभात ने बागड़ोर सम्हाली वहां भी प्रभात पर तमाम आरोप लगे और पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। अब विधानसभा चुनावों में पार्टी ने प्रभात झा को शिवराज के रथ पर सवार कर दिया तो परिणाम सबके सामने आ चुके है।
विधानसभा चुनावों के दौरान भी प्रभात झा पर टिकट बेचने तक के आरोप लगे। उनके प्रति नेताओं में एक नाराजगी देखी गई। पूरा प्रचार उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं के संग हवा में किया। किसी के लिए भी जमीन पर पसीना नहीं बनाया। ग्वालियर चंबल अंचल में उन पर हारे नेताओं और पूर्व मंत्रियों ने इशारों इशारों में हार का ठीकरा भी फोड़ा है। साथ ही पुत्रमोह में पार्टी की लुटिया डुबाने तक की बात कह डाली।