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ग्वालियर। कमलनाथ के सीएम बनने के बाद अब सिंधिया के चेहरों को मंत्रिमंडल में ज्यादा जगह मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान इन दोनों नेताओं रहा है. वहीं प्रदेश के अंचलों में कांग्रेस की सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका ग्वालियर-चंबल संभाग ने निभाई, इस अंचल से कांग्रेस ने 34 सीटों में से 27 सीटों पर जीत दर्ज की है और इसका श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को जाता है. ऐसे में मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल संभाग का दबदबा होने की उम्मीद है, दोनों जगहों में से लगभग आधा दर्जन से अधिक मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं. इस बार ग्वालियर-चंबल संभाग से मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले नेताओं के नाम शामिल हैं.
इमरती देवी: डबरा विधानसभा से लगातार तीसरी बार सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाली महिला हैं और यह अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं, इसलिए मंत्री पद के लिए इनका नाम सबसे आगे आ रहा है.
लाखन सिंह: भितरवार विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक हैं और लाखन सिंह पिछड़ा वर्ग से आते हैं साथ ही इस बार मुरैना श्योपुर सांसद अनूप मिश्रा को दूसरी बार हराया है यह ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं जिसके चलते इनका नाम भी आगे आ रहा है.
प्रदुम्न सिंह तोमर: ग्वालियर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने और बीजेपी के दिग्गज मंत्री जयभान सिंह पवैया को भारी मतों से हराकर पार्टी में अपनी छवि और मजबूत की है साथ ही यह सिंधिया परिवार के बेहद करीबी माने जाते है. मंत्रिमंडल की लिस्ट में इनका नाम भी शामिल हो सकता है.
डॉ. गोविन्द सिंह: लहार विधानसभा से लगातार सातवीं बार विधायक और पूर्व में भी कांग्रेस के सरकार में मंत्री रहे गोविन्द सिंह का नाम इस बार भी पक्का माना जा रहा है. चर्चा यह भी है कि गोविन्द सिंह को विधानसभा अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है.
केपी सिंह: पिछोर विधानसभा से लगातार छठवीं बार विधायक बने केपी सिंह दिग्गी के खास माने जाते हैं साथ ही अब ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल के खास हैं और कांग्रेस के शासन काल में मंत्री भी रहे हैं. इस बार भी इन्हें मौका मिलने की उम्मीद है.
ऐदल सिंह कंसाना: सुमावली विधानसभा से तीसरी बार के विधायक और दिग्विजय शासनकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं, चूंकि मुरैना में 6 सीट पर कांग्रेस ने अपनी जीत दर्ज की है ऐसे में एक विधायक को मंत्री मंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है, चूंकि कंसाना सबसे सीनियर हैं इस मायने से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
जयवर्धन सिंह: राघौगढ़ से दूसरी बार के विधायक हैं और दिग्विजय सिंह के बेटे हैं, ऐसे में इस युवा चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना है.