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शहर में विकसित होने वाली कालोनियों का नक्शा एवं लेआउट पास करने का नगर निगम में एक सिस्टम रहा है। जिसके तहत फाइल और नोटशीट आगे बढ़ती हे। लेकिन कुछ समय पूर्व आये एक अधिकारी ने सारी व्यवस्थायें निचले अधिकारियों से छीनकर अपने को सर्वोपरि मानकर दो कालोनियों का लेआउट पास कर दिया है, जिससे कनिष्ठ अधिकारियों में भारी रोष है।
जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी भी कालोनी का लेआउट पास करने के लिए सबसे पहले क्षेत्राधिकारी-उपयंत्री के यहां से फाइल चलती है, उनके बाद भवन अधिकारी मौके का निरीक्षण करने के बाद अपनी टीप लगाता है। इसके बाद फाइल निगमायुक्त तक जाती है, लेकिन कुछ माह पहले इंदौर से आये एक इंजीनियर ने यह सारी व्यवस्थायें अपने हाथ में ले ली है। यानी कि निचले अधिकारियों से उनके अधिकार छीनकर स्वयं फाइल आगे बढ़ाकर उन्होंने दो कालोनियों का लेआउट पास कर दिया है, जिससे तरह तरह की चर्चायें हैं और ऐसा किस आदेश के तहत हुआ यह विवाद में है।
सूत्रों ने बताया कि ग्राम अलापुर में रॉयल टाउनशिप के संचाकल डॉ. पुरूषोत्तम जाजू पुत्र हरगोविंद, सुरेश पारस जैन पुत्र मोहनलाल सर्राफ के नाम से फाइल क्रमांक 33/18/3 5 अक्टूबर 2018 को कालोनी का लेआउट पास किया गया है। इस कालोनी को 20010 वर्गमीटर की अनुमति दी गई है। यह फाइल सीधे सिटी प्लानर ने पास कर आगे बढ़ाई। इसी तरह डोंगरपुर में फाइल क्रमांक 35/17/3/3 को 12 अक्टूबर 2018 को 125 फीसदी बंधक प्लॉट के साथ अनुमति दी गई है। यह कालोनी 22400.22 वर्गमीटर है। इसके संचालक सुनील गांधी पुत्र शिवलाल निवासी श्रीराम कालोनी झांसी रोड है।
इस तरह दो बड़ी कालोनियों के लेआउट पास करने पर निचले अधिकारियों में काफी रोष है, क्योंकि इस मामले में अभी तक किसी तरह का नया आदेश पारित नहीं हुआ है। इस मामले में जब भवन अधिकारी सुरेश अहिरवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह लेआउट पास किये गये है। आप उन्हीं से बात करिये।