Home / ग्वालियर / जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़ा: 25 छात्रों की नकली अंकों से बनी असली अंकसूची

जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़ा: 25 छात्रों की नकली अंकों से बनी असली अंकसूची

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी अंकों से एक दो नहीं, 25 अंकसूचियां बनाई गईं हैं। ये भी उन अंकसूचियों की संख्या है,जो कोलकाता की फर्म के पास बनने के लिए भेजी गईं थी। उन अंकसूचियों की पड़ताल शुरू ही नहीं हुई है, जो जेयू की करेक्शन सेल के माध्यम से पहले ही बनी थी। ऐसी अंकसूचियों के विषय में फिलहाल सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है। इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह ने सोमवार को एक प्रतिवेदन बनाकर कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को सौंपा है। इस प्रतिवेदन में उन्होंने बताया है कि फर्जी अंकों के जरिए केवल इंस्टीट्यूट…

Review Overview

User Rating: Be the first one !

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी अंकों से एक दो नहीं, 25 अंकसूचियां बनाई गईं हैं। ये भी उन अंकसूचियों की संख्या है,जो कोलकाता की फर्म के पास बनने के लिए भेजी गईं थी। उन अंकसूचियों की पड़ताल शुरू ही नहीं हुई है, जो जेयू की करेक्शन सेल के माध्यम से पहले ही बनी थी। ऐसी अंकसूचियों के विषय में फिलहाल सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।
इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह ने सोमवार को एक प्रतिवेदन बनाकर कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को सौंपा है। इस प्रतिवेदन में उन्होंने बताया है कि फर्जी अंकों के जरिए केवल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज ग्वालियर के छात्रों की अंकसूचियां नहीं बनी है। वरन दो शासकीय महाविद्यालयों साइंस कॉलेज व सबलगढ़ कॉलेज के 2-2 छात्रों की भी अंकसूचियां बनी है। शेष 21 छात्र आईटीएस के हैं।इस मामले में अब कुलपति को निर्णय करना है कि वह पुलिस प्रकरण दर्ज कराएं या सीधे ही कोई कार्रवाई कर मामले को खत्म कर दें।

अलग-अलग कक्षाओं में हुआ है फर्जीवाड़ा
जांच में पता चला है कि फर्जीवाड़ा केवाल बी.कॉम फिफ्थ सेमेस्टर में नहीं हुआ है। बीएससी, बीए व बीकॉम की अलग-अलग कक्षाओं के छात्रों की फर्जी अंकों से असली अंकसूचियां बनवाई गईं हैं।
खास बात यह भी पता चली है कि फर्जीवाड़ा करवाने वाले शख्स ने इस बात की सावधानी रखी है कि परिणाम को पूरी तरह नहीं बदला है। मसलन यदि कोई छात्र फेल है तो एक विषय में फर्जी अंक के जरिए उसे एटीकेटी की पात्रता दिलवाई है। जिसकी एटीकेटी थी, उसे पास कराया है। पास कराते समय यह भी ध्यान रखा है कि अंकों में बहुत ज्यादा बदलाव न हो, यदि अंक बहुत ज्यादा बढ़कर आते तो पकड़ में आने का खतरा रहता।

ये है पूरा मामला
2 नवम्बर को परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह के पास जेयू का परीक्षा संबंधी कार्य करने वाली फर्म के प्रतिनिधियों ने इस आशय की शिकायत की थी, कि उन्होंने जांच के बाद ही अंकसूचियां बनाई थी, अब ये फिर से बनने के लिए आईं हैं। जब पड़ताल की तो पता चला कि छात्रों से आवेदन के बाद परीक्षा भवन से अंक मंगाए जाने में फर्जीवाड़ा हुआ है।
परीक्षा भवन से जेयू के गोपनीय विभाग में जो अंक भेजे गए हैं, वह संबंधित प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर से भेजे गए हैं। हकीकत में छात्रों की ओएमआर और अंकसूची में दर्ज अंकों में अंतर था ही नहीं। मसलन किसी छात्र के किसी विषय में 24 अंक थे, तो परीक्षा भवन से ओएमआर देखकर अंकसुधार कर 34 किए जाने की रिपोर्ट आई थी। वास्तव में यहीं सब करने में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। शुरुआत में 17 मामले पकड़ में आ गए थे। जांच के बाद इनकी संख्या बढ़ गई।

कुलपति करेंगी कार्रवाई का निर्णय

25 छात्रों के मामले में फर्जी अंकों के सहारे असल अंकसूची बनवाने का मामला पकड़ में आया है। कुलपति के पास प्रतिवेदन भेज दिया है। कुलपति ही निर्णय करेंगी।

-डॉ.राकेश सिंह कुशवाह, परीक्षा नियंत्रक, जीविवि ग्वालियर

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी अंकों से एक दो नहीं, 25 अंकसूचियां बनाई गईं हैं। ये भी उन अंकसूचियों की संख्या है,जो कोलकाता की फर्म के पास बनने के लिए भेजी गईं थी। उन अंकसूचियों की पड़ताल शुरू ही नहीं हुई है, जो जेयू की करेक्शन सेल के माध्यम से पहले ही बनी थी। ऐसी अंकसूचियों के विषय में फिलहाल सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है। इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ.राकेश सिंह कुशवाह ने सोमवार को एक प्रतिवेदन बनाकर कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को सौंपा है। इस प्रतिवेदन में उन्होंने बताया है कि फर्जी अंकों के जरिए केवल इंस्टीट्यूट…

Review Overview

User Rating: Be the first one !

About Dheeraj Bansal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डाक्टरों के क्लीनिकों पर छापे

(भास्कर प्लस) ग्वालियर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की टीम ने ...