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राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित जानकारी दी गई

ग्वालियर । विधानसभा चुनाव-2018 पर प्रत्याशी व पार्टियों के द्वारा किए गए चुनाव खर्चों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कड़ी निगरानी रखी जायेगी। इसलिए राजनैतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्च का पाई-पाई का हिसाब रखें। साथ ही अपने व्यय रजिस्टर का नियमित रूप से अवलोकन कराएं। यह बात अपर जिला दण्डाधिकारी श्री संदीप केरकेट्टा ने चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के मकसद से बुलाई गई मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में कही। यह बैठक खास तौर पर प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्चों का आंकलन, उससे…

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ग्वालियर । विधानसभा चुनाव-2018 पर प्रत्याशी व पार्टियों के द्वारा किए गए चुनाव खर्चों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कड़ी निगरानी रखी जायेगी। इसलिए राजनैतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्च का पाई-पाई का हिसाब रखें। साथ ही अपने व्यय रजिस्टर का नियमित रूप से अवलोकन कराएं। यह बात अपर जिला दण्डाधिकारी श्री संदीप केरकेट्टा ने चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के मकसद से बुलाई गई मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में कही।
यह बैठक खास तौर पर प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्चों का आंकलन, उससे जुड़े कानूनी प्रावधानों, चुनावी खर्चों के प्रकार, चुनावी व्यय का ब्यौरा (कानून के अनुसार) आदि मुद्दों की जानकारी देने के लिये बुलाई गई थी। शुक्रवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित हुई बैठक में दृश्य एवं श्रव्य माध्यम द्वारा प्रत्याशियों एवं पार्टियों द्वारा चुनाव में किए जाने वाले व्यय का लेखा-जोखा किस प्रकार किया जाए इसकी बारीकियाँ बताई गईं। साथ ही यह भी बताया गया कि किस तरह से चुनावी व्यय की पंजियां संधारित करें और हिसाब-किताब रखें, जिससे आदर्श आचार संहिता का निर्वहन हो सके। चुनावी व्यय पर निगरानी रखने के लिये तैनात किए गए अमले को धन शक्ति की निगरानी से संबंधित मुद्दों, कानूनी प्रावधानों, चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा वैधानिक व अवैधानिक खर्चे के प्रकार और इन खर्चों को नियंत्रित करने के मुख्य वैधानिक प्रावधानों और इससे जुड़ी विभिन्न धाराओं, नियमों के बारे में बैठक में विस्तार से बताया गया।
अपर जिला दण्डाधिकारी केरकेट्टा ने बैठक में जानकारी दी कि विधानसभा चुनाव में चुनाव खर्च पर निगरानी एवं मूल्यांकन के लिये जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न सामग्रियों की दरें जारी कर दी गई हैं। इससे प्रत्याशियों द्वारा रैली व सभा इत्यादि आयोजन पर हुए व्यय का मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी। बैठक में व्यय लेखा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा योगेन्द्र सक्सेना, संयुक्त संचालक पेंशन पी के शर्मा तथा अरूण कुलश्रेष्ठ, आनंद शर्मा, धर्मेन्द्र कुशवाह, भगवानदास, सुरेन्द्र सिंह पालिया व मानसिंह चकोटिया सहित मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अन्य प्रतिनिधिगण मौजूद थे।
उड़नदस्ते और अन्य टीम रखेंगीं चुनावी खर्च पर निगरानी
बैठक में बताया गया कि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों व राजनैतिक दलों द्वारा किए गए खर्चे पर नजर रखने के लिये विभिन्न नियंत्रण समितियों का गठन किया गया है। जैसे खर्चा पर्यवेक्षक, उडनदस्ता, स्थैतिक निगरानी समिति, दृश्य निगरानी प्रचार प्रमाणन समिति, मादक पदार्थ नियंत्रण आदि।
नामांकन से एक दिन पहले बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य
व्यय लेखा प्रकोष्ठ के संयुक्त संचालक पेंशन पी के शर्मा ने बैठक में जानकारी दी कि प्रत्याशियों को नामांकन पत्र भरने के कम से कम एक दिन पहले आवश्यक रूप से बैंक में खाता खुलवाना होगा। चुनावी व्यय के प्रस्तावों के लिये बैंक अकाउण्ट खोलने, निर्वाचन खर्चों का ब्यौरा देना और लेखों का निरीक्षण कराना, निरीक्षण के दौरान प्रत्याशियों द्वारा संधारित रजिस्टरों की जाँच कराने, प्रत्याशियों द्वारा स्टार प्रचारक से प्रचार करवाने पर हुआ खर्च, पेम्प्लेट, बैनर तथा पोस्टरों की छपाई में निर्धारित तय मापदण्डों का निर्वाह करना, प्रत्याशियों द्वारा प्रचार के दौरान इस्तेमाल की गई वाहनों की संख्या इत्यादि मुद्दों से संबंधित बारीकियाँ विस्तार से समझाई गईं।

ग्वालियर । विधानसभा चुनाव-2018 पर प्रत्याशी व पार्टियों के द्वारा किए गए चुनाव खर्चों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कड़ी निगरानी रखी जायेगी। इसलिए राजनैतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्च का पाई-पाई का हिसाब रखें। साथ ही अपने व्यय रजिस्टर का नियमित रूप से अवलोकन कराएं। यह बात अपर जिला दण्डाधिकारी श्री संदीप केरकेट्टा ने चुनावी व्यय व निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के मकसद से बुलाई गई मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में कही। यह बैठक खास तौर पर प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्चों का आंकलन, उससे…

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