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ग्वालियर। लोक निर्माण विभाग ग्वालियर संभात के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार में लिप्त सहायक यंत्री को उपकृत करते हुये कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंप दिया हे। जबकि विभाग में उनसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है, जिन्हें दरकिनार कर यह प्रभार सौंपा गया है। सहायक यंत्री के खिलाफ लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में निर्माण कार्य व विद्युतीकरण में भ्रष्टाचार करने का प्रकरण पंजीबद्ध है। वह इन जांचों को प्रभावित कर सकते है।
लोक निर्माण विभाग ग्वालियर संभाग में सहायक यंत्री के पद पर पदस्थ डीपी साहू पर निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। विभाग के अधिकारियों के अलावा ठेकेदारों ने भी उनके खिलाफ शिकायत की है और जांच एजेंसियों के यहां प्रकरण दर्ज है और जांच भी चल रही है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में तो 6 साल से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। पिछले दिनों कार्यपालन यंत्री जेएस चौहान का इंदौर स्थानांतरण होने पर डीपी साहू को उनका प्रभार सौंप दिया गया। मुख्य अभियंता के मौखिक आदेश पर अधीक्षण यंत्री ने उन्हें उपकृत करते हुये यह प्रभार सौंपा है, जबकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज है और मामले की जांच चल रही है। जिस विभाग का उन्हें प्रभार दिया गया है ज्यादातर फाइलें उसी विभाग की हैं इसलिए यह जांच का प्रभावित कर सकते है। ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों पर यह आरोप लग रहे हैं कि कहीं न कहीं जानबूझकर जांच प्रभावित करने के लिए यह प्रभार दिया गया है। जिससे वह अपने उपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की फाइलों को दबा सकें। इसको लेकर विद्युत ठेकेदार देवेन्द्र कुमार अमौरिया ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है। साथ ही अधिवक्ता राकेश पाराशर के माध्यम से लीगल नोटिस भी भिजवाया है।